ज़ुल्फिकार से अच्छी ना, कोई तल्वार है, ना अली से बड़ा कोई, बहादुर ज़मीन पर | Ertugrul ghazi
सारे दोस्त एक जैसे नहीं, होते कुछ हमारे होकर भी, हमारे नहीं होते, आपसे दोस्ती करने के, बाद महसूस हुआ, कौन कहता है, 'तारे ज़मी पर' नहीं होते।